जींद - जयंती देवी नगर
स्थापना - 1 नवंबर 1966
हरियाणा का ह्रदय जींद और जींद का ह्रदय रानी तालाब है जहां पर "पवित्र पापी" फिल्म का एक गाना भी फिल्माया गया था।
* क्षेत्रफल - 2702 वर्ग किलोमीटर
* उपमंडल - जींद, सफीदों, नरवाना
* तहसील - जींद, सफीदों, नरवाना, जुलाना
* उप-तहसील - अलेवा, पिल्लुखेड़ा, उचाना कलां
* खंड - जींद, जुलाना, पिल्लूखेड़ा, सफीदों, उचाना कलां, नरवाना व
अलेवाइतिहास
» अकबर के शासन काल में जींद हिसार जिले का एक परगना था। 1798 ईस्वी में जींद पर जॉर्ज थॉमस ने अपना कब्जा कर लिया था।
» कहा जाता है कि पांडवों ने महाभारत युद्ध से पूर्व जयंती देवी से कौरवों के खिलाफ जीत की प्रार्थना की थी। उन्होंने ही जयंती देवी के मंदिर का निर्माण भी करवाया था। पांडवों ने कौरवों को हराने के लिए यहीं पर इस मंदिर में पूजा की थी। ईसी मंदिर के इर्द-गिर्द जिस नगर का विकास हुआ उसका नाम जयंतीपुर रखा गया जोकि कालांतर में चेंज होकर जींद कहा जाने लगा।
» अकबर के शासनकाल में जींद, हिसार क्षेत्र का एक पर्गना था। फिरोज शाह तुगलक द्वारा बनाई गई नहर इस कस्बे के पास से गुजरती है।
→ जींद का विद्रोह - जींद का विद्रोह 1814 ईस्वी में प्रताप सिंह के नेतृत्व में हुआ था। अंग्रेजों के विरुद्ध होकर जींद के शासक प्रताप सिंह का साथ फूल सिंह ने दिया था लेकिन प्रताप सिंह के विरुद्ध अंग्रेजों का साथ नाभा शासक, पटियाला के सासक और कैथल के शासक ने दिया था। इसका परिणाम यह हुआ कि प्रताप सिंह हार गया और वह लाहौर चला गया। जहां से रंजीत सिंह ने उसे पकड़ कर अंग्रेजों को सौंप दिया। अतः हरियाणा की जींद रियासत को लकवा सा मार गया। रानी सौद्राही जींद जिले से ही संबंधित है।
महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल
1. भूतेश्वर महल - राजा रघुवीर सिंह ने भूतेश्वर महल बनवाया जिसे आजकल रानी तालाब के नाम से भी जाना जाता है।
2. जींद का किला - इसके किले का निर्माण 1795 में गणपत सिंह ने करवाया था। राजा गणपत सिंग ने यह इलाका 1755 में अफगानों से जीत लिया था और 1776 में अपने राज्य की राजधानी बनाया था।
3. पांड-पिंडारा - यह एक पर्यटक स्थान है, जहां माना जाता है कि पांडवों ने अपने पूर्वजों का यहां पर पिंड दान किया होगा।
4. रामराय - रामराय ग्रंथों में यह तीर्थ स्थल रामहद के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने इस स्थल पर यज्ञ किया था। इस के निकट ही ग्राम ईक्कस है। ईक्कस को महाभारत काल के राजा इक्ष्वाकु की नगरी बताया जाता है।
5. भूतेश्वर मंदिर (भूतेश्वर महल) - जींद में स्थित रानी तालाब के बीचोंबीच बना हुआ भूतेश्वर मंदिर अपने आप मे एक अदित्य मंदीर है। यह अपने मनोहारी वैभव से सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। भूतेश्वर मंदिर का निर्माण 1778-80 ईसवी के बीच जींद रियासत के महाराजा रघुवीर सिंह के घराने की रानी ने करवाया था। भूतेश्वर मंदिर को जींद का स्वर्ण मंदिर भी बोलते हैं क्योंकि यह स्वर्ण मंदिर का हुबहु नकल है।
6. जितगिरी मंदिर, काकडौद - जींद जिले के गांव काकडौद में स्थित बाबा जीतगिरी मंदिर में बाबा जीतगिरी की समाधि के आगे प्रतिदिन ज्योति जलाई जाती है। यहां के शिवलिंग के स्वरुप के बारे में जाना जाता है कि यह ऐसे पाषाण से बना है जो हिमालय की नदियों के प्रयोग से नदी तल में पड़ा-पड़ा सैकड़ों वर्ष लुढ़कता और घिसता रहा। लोगों ने जब इसे शिवलिंग जैसा पाया तो इसको मंदिर में स्थापित कर दिया गया।
7. जंयती पुरातत्व संग्रहालय - इसकी स्थापना 28 जुलाई सन 2007 को हुई थी जिसका उद्घाटन ए. आर. कीदवई के द्वारा किया गया था।
8. उचाना - ईसकी स्थापना दहाड़ सिंह शोकंद के द्वारा की गई थी, जो दिल्ली के नांगलोई क्षेत्र का रहने वाला था।
9. हर्बल पार्क - गांव उचाना में 10 एकड़ भूमि पर हर्बल पार्क यानी के औषधीय पार्क निर्मित है।
10.हरियाणा का पहला ग्राम सचिवालय यहां पर हैबतपुर में बनाया गया है।
11.बीरबारा वन्य जीव अभ्यारण
12.प्राचीन किला, किरसोली
13.बुलबुल झील
14.रानी तालाब
धार्मिक स्थल
1. हंसहैडर, नरवाना - ऐसा माना जाता है कि कपिल मुनि के पिता कर्दम ने यहीं पर तपस्या की थी
और कपिल मुनि का जन्म भी यहीं पर हुआ था। पृथ्वी पर सबसे पहले ब्रह्मा जी भी यहीं पर आए थे।
2. हटकेश्वर तीर्थ - ऐसा माना जाता है कि हटकेश्वर के पवित्र सरोवर में पृथ्वी के 68 तीर्थों की शक्ति निहित है।
3. धमतान साहिब, नरवाना - सिक्खों के नौवे गुरु तेग बहादुर औरंगजेब के दरबार में अपनी शहीदी के लिए यहां पर रुके थे।
4. सफीदों - महाभारत युग में इसे सर्पदंश के नाम से जाना जाता था ऐसा माना जाता है कि जनमेय ने अपने पिता परीक्षित की सांप काटने से हुई मृत्यु का बदला लेने के लिए सर्पदंश यज्ञ किया था। अब यहां पर नागक्षेत्र नामक सरोवर और तीर्थस्थल स्थित है।
5. ढूढवा तीर्थ - अभिज्ञान शाकुंतलम् में ईस तीर्थ का वर्णन है। जींद में ईक्कस गांव के पास दुर्योधन युद्ध में हारने के बाद यहां छिप गया था तथा भीम ने ढूंढ कर यहां उसे मारा था।
6. जामनी - जामनी गांव भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि का प्राचीन मंदिर है। यहां पर महर्षि जमदग्नि ने तपस्या भी की थी।
7. पुष्कर तीर्थ - पौंकरी खेड़ी का प्राचीन नाम है। पुराणों के अनुसार इसकी खोज जमनदग्नि के पुत्र परशुराम के द्वारा की गई थी।
8. बराह तीर्थ - जींद के बराह गांव में महाभारत के अनुसार भगवान विष्णु ने यहां 12 अवतार लिए।
9. मुंजावत - निरंजन गांव में वामन पुराण के अनुसार यहां से भगवान महादेव की कथा जुड़ी हुई है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति यहां पर 1 दिन उपवास रख ले तो उसे भगवान गणेश का आवास गणपत्य मिल जाता है।
10.खांडा - इस गांव में अत्यधिक प्राचीन भगवान परशुराम का मंदिर एवं तीर्थ है। ऐसा माना जाता है कि परशुराम की माता रेणुका जामनी इस गांव के अंदर प्रतिदिन जल लेने आती थी। एक दिन चोरों के द्वारा रेणुका का स्वर्ण कलश चुरा लिया गया। जिसके कारण यह कलश मिट्टी का बन गया और वह कलश आज भी इस मंदिर में रखा हुआ है।
11.अश्वनी कुमार तीर्थ - जींद के आसन गांव में इस स्थान से देवताओं की कथा जुड़ी हुई है। 12. हजरत गाजी साहब की दरगाह, नरवाना में स्थित है।
13. यक्षिणी तीर्थ - यह तीर्थ दिखनीखेडा में स्थित है।
प्रमुख उद्योग
1. मिल्क प्लांट (वीटा मिल्क प्लांट जींद के अलावा रोहतक, कुरुक्षेत्र और पलवल में भी स्थित है।)
2. कोआपरेटिव शुगर मिल्स
3. कैटल फीड प्लांट
4. इंडस्ट्रियल केबल
5. चीनी उद्योग
6. साइकिल उद्योग
7. चमडे का उद्योग
8. पशु चारा प्लांट
9. हरियाणा कृषि ट्रेनिंग संस्थान।
प्रमुख मेले
- सच्चा सौदा मेला, सिंहपुरा - यह तेग बहादुर की याद में प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को लगाया जाता है।
- धमतान साहिब मेला, नरवाना - यह मेला हिंदू-सिख एकता का प्रतीक है।
- भालूनाथ का मेला - यह मेला होली के दिन लगता है।
- बिलसर का मेला - हंसहैडर
- हाकेश्वर का मेला - हॉटगांव
- नगरक्षेत्र मेला - सफीदों
विधानसभा क्षेत्र
1. उचाना
2. नरवाना
3. जुलाना
4. सफीदों
5. जींद
प्रमुख व्यक्ति
- रामकिशन व्यास एक सांगी हैं।
- महावीर गुड्डू एक गायक हैं। हरियाणा में महावीर गुड्डू को बम लहरी भी कहते हैं।
- पंडित अमीलाल - हरियाणा में इन्हें गांधी का सेवक भी कहा जाता है।
- कविता दलाल - डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर हैं और भारत की पहली महिला रेसलर भी हैं।
- ओमप्रकाश - एक बॉस्केटबॉलर हैं।
- युजवेन्द्र चहल - ये एक क्रिकेटर हैं।
/ हरदीप सिंह - यह एक कुश्ती पहलवान है जो कि 98 किलोग्राम ग्रीको रोमन कुश्ती में विजय रह चुके हैं।