हरियाणा में पहने जाने वाले मुख्य आभूषण

आभूषण किसी भी स्त्री या पुरुष की सुंदरता को बढ़ाने में इस्तेमाल किए जाते हैं।  आज हम बात करेंगे हरियाणा में उपयोग किए जाने वाले मुख्य मुख्य आभूषणों के बारे में -
आरसी - आइना जड़ित अंगूठी जिसे स्त्रियां दाहिने हाथ के अंगूठे में पहनते हैं छोटा सा आईना एक कब्जे से जुड़ा होता है जिसे ऊपर नीचे करने से आईना खुलता और बंद होता है।
कंठी - सोने के मनको की बनी हुई कंठमाला जिसे महिलाएं पहनती हैं इस पेंडेंट में जो लटकन होती है उसे पीपल के पत्ते की तरह बनाया जाता है और ठप्पा लगा कर उभरी हुई आकृतियां बनाई जाती हैं ।
कठला - गले का एक आभूषण है इसमें आमतौर पर सूती एवं रेशमी धागों को मिलाकर बल देकर बनाई गई डोर में बड़े-बड़े मोती पिरोए जाते हैं ।
कर्णफूल - स्त्रियों द्वारा पहना जाने वाला कान का गहना है जिसे कान के निचले हिस्से में पहना जाता है ।
कांगनी  - हल्के कंगन को कांगनी कहा जाता है यह कलाई का एक आभूषण है ।

कोका - सोना चांदी या जड़ाऊ हीरे से बना दाने के आकार का एक आभूषण जिसे महिलाओं द्वारा नाक में बाई और पहना जाता है ।
गजरिया - यह पांव में पहने जाने वाले आभूषण चांदी से बने होते हैं ।
गुलबंद - महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला एक आभूषण जिसमें पट्टी पर छोटे तथा सुनहरी पुष्प कली वाले दाने जुड़े होते हैं ।
चंदनहार - यह औरतों द्वारा पहना जाने वाला वक्ष स्थल का कहना है जिसमें कई लड़कियां और बीच बीच में कई टुकड़े होते हैं यह टुकड़े आयताकार आकार के होते हैं इसे रानी हार भी कहते हैं ।
चुटकी - सुहागिन स्त्री द्वारा पैर की उंगली में धारण की जाने वाली चांदी की छल्ली को चुटकी या बिछुए कहा जाता है ।
छाज - चांदी से निर्मित यह पूरे माथे पर लटकाया जाता है ।
जंजीर - सोने से निर्मित श्रंखला या माला जिसे स्त्री पुरुष दोनों धारण करते हैं यह चांदी से भी बनी हो सकती है ।
झालरा - गले में पहनने का लंबा हार जो अधिकतर चांदी के सिक्कों की डोर में तीन चार अंगुल के अंतर पर गुथने  से बनता है ।
दस्तबंद - यह हाथ में पहने जाने वाला आभूषण है ।
पतरी - गले का ताबीज जिसकी आकृति पान अथवा शहतूत के पत्ते जैसी होती है ।
फूल - यह सिर के ऊपर बांधा जाता है ।
बटन - यह सोने अथवा चांदी का आभूषण है सामान्य बट नो के स्थान पर जंजीर के 7 बटन लटके होते हैं इसे कुर्ता कुर्ती और कमीज के साथ पहना जाता है ।
बाली - यह कानों में पहने जाने वाला आभूषण है ।
बुजनी - बुजनी कानों में पहनी जाती है और यह कान के अन्य गहनों के साथ कानों की शोभा बढ़ाती है ।
बोरला - यह माथे के बीच में लटकता हुआ पहना जाता है ।
मूरकी - कान का बालीनुमा आभूषण जिसे पुरुष ही पहनते हैं ।
शीश फूल - गोलाकार टुकड़ों से बना यह सिर का एक गहना है जिसे स्त्रियां धारण करती है ।
सिंगार पट्टी - मस्तक का एक आभूषण जिसे कोड़ी, जुड़ा, वीरलता और बंदनी भी कहा जाता है ।
हँसला या हँसली - महिलाओं द्वारा गले में पहना जाने वाला एक आभूषण जो गले के नीचे स्थित हंसुली नामक हड्डी को सुरक्षा प्रदान करता है ।
हथफूल  - लडियों के साथ अंगूठियां जड़ा एक गहना जिसे त्यौहारों या विवाह आदि पर महिलाएं धारण करती हैं ।