जैसा की आप सभी जानते हैं ईस्ट इंडिया कंपनी का पूरे भारत पर कब्जा हो चुका था ईस्ट इंडिया कंपनी फूट डालो और राज करो की नीति से भारत पर अपना राज करती थी ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध पूरे भारत प्रदेश में जोरदार विरोध शुरू हो चुका था यह विरोध 18 सो 57 की क्रांति से पहले से ही आरंभ हो चुका था आज हम बात करेंगे हरियाणा में ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध प्रमुख विद्रोह की-
वर्ष 1814 में जींद में ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध विद्रोह शुरू हुआ इस विद्रोह के प्रमुख नेतृत्व कर्ता श्री प्रताप सिंह जी रहे ।
वर्ष 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध छतरौली से विद्रोह शुरू हुआ इस विद्रोह के प्रमुख नेतृत्वकर्ता श्री जोधा सिंह रहे ।
वर्ष 1818 में ही ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध रानियां से भी विद्रोह शुरू हुआ इस विद्रोह के प्रमुख नेतृत्व कर्ता जाबीत खान रहे ।
वर्ष 1824 में ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध किसानों ने प्रमुख विद्रोह किया किसानों का विद्रोह मुख्य रूप से रोहतक हिसार और गुरुग्राम में रहा इन तीनों जिलों में इस विद्रोह के प्रमुख नेतृत्व कर्ता श्री सूरजमल रहे।
वर्ष 1835 में बनावली से ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध विद्रोह शुरू हुआ इस विद्रोह के प्रमुख नेता श्री गुलाब सिंह जी रहे ।
वर्ष 1843 में ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध कैथल से विद्रोह शुरू हुआ इस विद्रोह के मुख्य नेतृत्व कर्ता मुख्य रूप से दो व्यक्ति रहे गुलाब सिंह और साहिब कौर।
वर्ष 1845 में लाडवा से ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध विद्रोह शुरू हुआ और इस विद्रोह के प्रमुख नेतृत्व कर्ता श्री अजीत सिंह जी रहे।