राव
तुलाराम (1825 - 1861) = राव तुलाराम 1857 की क्रांति के वीर सेनानी थे।
इनका जन्म दिसंबर 1835 ईस्वी को रामपुरा रेवाड़ी में एक प्रसिद्ध रावघराने
में हुआ था । उनके पिता का नाम पूर्ण सिंह माता का नाम ज्ञान कौर था । घर
पर ही इन्होंने उर्दू, हिंदी, हिसाब आदि की शिक्षा पाई । नवंबर 1839 ईसवी
में इनके पिता की मृत्यु
हो
जाने पर यह राज गद्दी पर बैठे । अंग्रेजों ने इनकी ज्यादातर रियासत हड़प ली
जिसके कारण यह नाराज होकर 1857 की क्रांति में कूद पड़े । उन्होंने 17 मई
1857 को रेवाड़ी में स्वतंत्रता की पताका लहराई। इन्होंने दिल्ली के
बादशाह बहादुर शाह जफर के आदेशानुसार काम कर दिल्ली के क्रांतिकारियों को
तन मन धन से सहायता की । इसी दौरान 16 नवंबर 1857 को नारनौल में अंग्रेजों
से युद्ध किया जिसमें यह हार गए। इसके बाद यह सहायता के लिए राजस्थान के
राजाओं से सहायता मांगी और इसके लिए यह ईरान, अफ़गानिस्तान, रूस भी गए
परंतु 23 सितंबर 1861 को काबुल में पेचिश के कारण इनका देहांत हो गया।