हिंदी स्पेशल
• जिसके शरीर के भाग मेँ कमी हो— विकलांग
• जिसे व्याकरण का पूरा ज्ञान हो— वैयाकरण
• सौ वर्षोँ का समूह— शताब्दी
• जो शरण मेँ आ गया हो— शरणागत
• शरण की इच्छा रखने वाला— शरणार्थी
• हाथ मेँ पकड़कर चलाया जाने वाला हथियार जैसे तलवार— शस्त्र
• सौ वस्तुओँ का संग्रह— शतक
• जो सौ बातेँ एक साथ याद रख सकता है— शतावधानी
• जिसके स्मरण मात्र से ही शत्रु का नाश हो/शत्रु का नाश करने वाला— शत्रुघ्न
• जिसका कोई आदि और अंत न हो— शाश्वत
• शाक, फल और फूल खाने वाला— शाकाहारी/निरामिष
• जिस शब्द के दो अर्थ होँ— शिलष्ट
• शिव का आलय (स्थान)— शिवालय
• शुभ चाहने वाला— शुभेच्छु/शुभाकांक्षी
• अनुसंधान के लिए दिया जाने वाला अनुदान— शोधवृत्ति
• जो सुनने योग्य हो— श्रव्य/श्रवणीय
• जिसमेँ श्रद्धा भावना हो— श्रद्धालु
• पति/पत्नी का पिता— श्वसुर
• पति/पत्नी की माता— श्वश्रू (सास)
• पति/पत्नी का भाई— श्वशुर्य (साला)
• जिसके छह कोण होँ— षट्कोण
• जिसके छह पद होँ (भौँरा)— षट्पद
• छह–छह माह मेँ होने वाला— षण्मासिक
• सोलह वर्ष की अवस्था वाली स्त्री— षोडशी
• दो नदियोँ के मिलने का स्थान— संगम
• इन्द्रियोँ को वश मेँ रखने वाला— संयमी
• जो समाचार भेजता है— संवाददाता
• एक ही माँ से उत्पन्न भाई/बहन— सहोदर/सहोदरा
• सात सौ दोहोँ का समूह— सतसई
• जो गुण–दोषोँ का विवेचन करता हो— समालोचक
• सब कुछ जानने वाला— सर्वज्ञ
• जो समान आयु का हो— समवयस्क
• जो सभी को समान दृष्टि से देखता हो— समदर्शी
• साहित्यिक गुण–दोषोँ की विवेचना करने वाला— समीक्षक
• वह स्त्री जिसका पति जीवित हो— सधवा
• जो सदा से चला आ रहा हो— सनातन
• अन्य लोगोँ के साथ गाया जाने वाला गीत— सहगान
• उसी समय मेँ होने वाला/रहने वाला— समकालीन
• साथ पढ़ने वाला— सहपाठी
• जो दूसरोँ की बात सहन कर सकता हो— सहिष्णु
• छूत या संसर्ग से फैलने वाला रोग— संक्रामक
• जो एक ही जाति के होँ— सजातीय
• गीतोँ की धुन बनाने वाला— संगीतकार
• रस पूर्ण— सरस
• साथ काम करने वाला— सहकर्मी
• सबको प्रिय लगने वाला— सर्वप्रिय
• सद् आचरण रखने वाला— सदाचारी
• ज्ञान देने वाली देवी— सरस्वती
• जो अपनी पत्नी के साथ हो— सपत्नीक
• सत्य के लिए आग्रह— सत्याग्रह
• शर्तोँ के साथ काम करने का समझौता— संविदा
• जो सत्य बोलता हो— सत्यवादी/सत्यभाषी
• संहार करने वाला/मारने वाला— संहारक
• जिसका चरित्र अच्छा हो— सच्चरित्र
• न बहुत ठण्डा न बहुत गर्म— समशीतोष्ण
• जो सब कुछ खाता हो— सर्वभक्षी
• सब कुछ पाने वाला— सर्वलब्ध
• जो समस्त देशोँ/स्थानोँ से संबंधित हो— सार्वभौमिक
• रथ हाँकने वाला— सारथि
• जो पढ़ना–लिखना जानता है— साक्षर
• सप्ताह मेँ एक बार होने वाला— साप्ताहिक
• सभी लोगोँ के लिए— सार्वजनिक
• आकार से युक्त (मूर्तिमान)— साकार
• जो सब जगह विद्यमान हो— सर्वव्यापी
• जिसकी ग्रीवा सुंदर हो— सुग्रीव
• जो सोया हुआ हो— सुषुप्त
• सधवा रहने की दशा या अवस्था— सुहाग
• पसीने से उत्पन्न जीव (जैसे जूँ आदि)— स्वेदज
• किसी संस्था या व्यक्ति के पचास वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य मेँ होने वाला उत्सव— स्वर्ण जयंती
• स्त्री के स्वभाव जैसा— स्त्रैण
• गतिहीन रहने वाला— स्थावर
• जिसको सिद्ध करने के लिए अन्य प्रमाणोँ की जरूरत न हो— स्वयंसिद्ध/स्वतः प्रमाण
• अपनी ही इच्छानुसार पति का वरण करने वाली— स्वयंवरा
• जो स्वयं भोजन बनाकर खाता हो— स्वयंपाकी
• जो अपने ही अधीन हो— स्वाधीन
• जो अपना ही हित सोचता हो— स्वार्थी
• सौ वस्तुओँ का संग्रह— सैँकड़ा/शतक
• हमला करने वाला— हमलावर
• सेना का वह भाग जो सबसे आगे हो— हरावल
• हवन से संबंधित सामग्री— हवि
• ऐसा बयान जो शपथ सहित दिया गया हो— हलफनामा
• दूसरे के काम मेँ दखल देना— हस्तक्षेप
• ऐसा दुःख जो हृदय को चीर डाले— हृदय विदारक
• हृदय से संबंधित— हार्दिक
• जिस पर हँसी आती हो/जो हँसी का पात्र हो— हास्यास्पद
• किसी संस्था या व्यक्ति के साठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मेँ होने वाला उत्सव— हीरक जयंती
• जो बात हृदय मेँ अच्छी तरह बैठ गई हो— हृदयंगम
• दूसरोँ का हित चाहने वाला— हितैषी
• न टलने वाली घटना/अवश्यंभावी घटना/भाग्याधीन— होनहार
• यज्ञ मेँ आहुति देने वाला— होमाग्नि
विभिन्न प्रकार की इच्छाएँ:
• किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा— अभीप्सा
• सांसारिक वस्तुओँ को प्राप्त करने की इच्छा— एषणा
• कार्य करने की इच्छा— चिकीर्षा
• जानने की इच्छा— जिज्ञासा
• जीतने, दमन करने की इच्छा— जिगीषा
• किसी को जीत लेने की इच्छा रखने वाला— जिगीषु
• किसी को मारने की इच्छा— जिघांसा