28 फरवरी - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस : 𝙽𝙰𝚃𝙸𝙾𝙽𝙰𝙻 𝚂𝙲𝙸𝙴𝙽𝙲𝙴 𝙳𝙰𝚈

📌 थीम 2021 : विज्ञान, तकनीकी व नवीनीकरण (STI) का भविष्य : शिक्षा, कार्य व कौशल पर प्रभाव।

▪️ उद्देश्य : 28 फरवरी 1928 में भारतीय भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा की गयी “रमन प्रभाव” की उल्लेखनीय खोज को चिह्नित करने हेतु।

▪️ वर्ष 1930 : में इसी खोज के लिए उन्हें भौतिकी का नोबेल प्राइज़ दिया गया था जो कि विज्ञान के क्षेत्र में पहली बार किसी भारतीय को मिला था।

▪️ क्या है रमन इफेक्ट या रमण प्रकीर्णन : रमण प्रभाव प्रकाश के फोटॉन कणों के लचीले वितरण या बिखरने के बारे में है जिसके अनुसार प्रकाश की प्रकृति और स्वभाव में तब परिवर्तन होता है जब वह किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है। ठोस, तरल या गैसीय माध्यम से निकलते हुए प्रकाश उर्जा के करोड़ो कणों (फोटॉन) में से कुछ कणों को ‘माध्यम के अणु’ बिखरा या फैला देते हैं जिससे प्रकाश की प्रकृति में परिवर्तन होता है जिसे सी वी रमन के नाम पर ही ‘रमण प्रभाव’ या ‘रमण प्रकीर्णन’ कहा गया।

▪️ इस दिन स्कूलों में कराई जाने वाली गतिविधियां : विशेषज्ञ स्पीच, लेक्चर, टॉक शो के साथ ही, क्विज, डिबेट, स्पीच, पोस्टर मेकिंग, साइंस मॉडल मेकिंग जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन और विद्यार्थियों को विज्ञान पर आधारित फिल्म तथा डॉक्यूमेंट्री देखने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है।

▪️ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस : प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है, इसका उद्देश्य लोगों में विज्ञान के महत्व और इसके अनुप्रयोग का संदेश फैलाना है।

▪️ महत्व : 28 फरवरी, 1928 को भौतिक विज्ञानी सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज को चिह्नित करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस खोज के लिए सी.वी. रमन को 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

▪️ पृष्ठभूमि : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की स्थापना केंद्र सरकार द्वारा 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद की मांग के आधार पर की गई थी। पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था। इस दिवस को लोगों के दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले विज्ञान के महत्व के बारे में संदेश फैलाने और विज्ञान व प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के लिए मनाया जाता है।

▪️ रमन प्रभाव : इस घटना में, पारदर्शी माध्यम से गुजरने के बाद प्रकाश की किरण का कुछ हिस्सा बिखर जाता है। प्रकाश के प्रकीर्णन की इस घटना को रमन स्कैटरिंग कहा जाता है और प्रकीर्णन के कारण को रमन प्रभाव कहा जाता है। इन बिखरी हुई किरणों की तरंगदैर्घ्य (wavelength) प्रकाश की किरणों (incident rays) से भिन्न होती है।