आज हम आपको एक ऐसी जानकारी के बारे में बताने जा रहे है जिसे आपने अक्सर कही न कही देखा होगा ! तो हम कुएँ की बात कर रहे है ! आप ने अक्सर देखा होगा की कुएँ हमेशा गोल खोदे जाते है, ऐसा क्यों होता है की कुएँ गोल खोदे जाते है ! कुएँ को चौकोर क्यों नहीं खोदा जाता है तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने जा रहे है ! की कुएँ गोल क्यों खोदे जाते है इन्हे चौकोर क्यों नही खोदा जाता है !
📌▪️कुओं के गोल होने का कारण यह है कि उसमें जब पानी उफान लेता है तब वह पानी कुएं की गोलाई की वजह से घूम जाता है! इससे पानी चाहे कितनी तेजी से उफान ले, वह कुएं की दीवार से घूम कर ऊपर आ जाता है !
📌▪️इसका फायदा ये हैं कि वह पानी कुएं के दीवार से नहीं टकराता और पानी के तेज बहाव से दीवार टूटने का डर नहीं रहता है ! जैसा की आप सभी जानते है कि पहले लोग अपने हाथो से ही कुएँ को खोदते थे और वे कुए खोदते खोदते उसके अंदर नीचे तक जाते थे ! अब यदि वे कुए को गोल की जगह चौकोर खोदते तो उसके बगल में जो मिटटी होती थी वह उनके ऊपर गिरने लगती थी ! जबकि कुआँ गोल खोदने पर ऐसा नहीं होता था इसी कारण पहले लोग कुआ गोल ही खोदते थे !
📌▪️अब इसका वैज्ञानिक कारण यह है की अन्य सभी आकारों की अपेक्षा गोल आकार में चारो ओर से एक बराबर बल लगता है ! जबकि चौकोर या अन्य किसी आकार में ऐसा नहीं होता है ! कुआँ गोल बनाने से जो कंक्रीट का इस्तेमाल होता था वो एक दूसरे से मजबूती से जुड़ जाते थे जिससे कुआँ ज्यादा दिनों तक टिकाऊ होता था ! इसी कारण कुआ हमेशा गोल ही बनाया जाता है !
📌▪️पुराने ज़माने में कुएं आयताकार भी होते थे और गोल भी ! आयताकार कुएं साइज में बहुत बड़े होते हैं और गोल कुएं अपेक्षाकृत छोटे होते हैं ! देखिए होता क्या है कि जब कुआं खोदा जाता है तो काफी गहरा हो जाता है ! कहीं कहीं तो कुओं की गहराई 100 फिट तक होती है ! नीचे जाने पर मिट्टी गीली होती है और इस मिट्टी को एक दीवार के सहारे रोका जाता है ! यह मिट्टी कुएं के अंदर आने का प्रयास करती है और दीवार उसे रोक के रखती है ! इस प्रकार गीली मिट्टी कुएं की दीवार पर एक दबाव डालती है जिसे मृदादाब (Earth Pressure) कहा जाता है ! हम जानते है कि दाब गहराई के साथ बढ़ता है तो इसे रोकने के लिए दीवार की मोटाई गहराई के साथ बढ़ानी पड़ेगी जिससे यह सुरक्षित व टिकाऊ रहता है।