प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से घोषणा की थी कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद जल्द ही बनाया जाएगा. सरकार ने इस दिशा में जल्दी से कार्य करते हुए CDS के पद पर पूर्व थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत को चुना है.
भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पीछे का इतिहास (History behind the CDS post)
भारत में यह पहली बार नहीं है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित हो रहा है. वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के बाद भी भारत में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को बनाने की पहल K. सुब्रह्मण्यम समिति की सिफारिस के आधार पर की गयी थी. लेकिन राजनीतिक असहमति और आशंकाओं के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी थी.
नरेश चंद्र समिति ने 2012 में चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) के एक स्थायी चेयरमैन की नियुक्ति की सिफारिश की थी और वर्तमान में यही काम कर रही है.
कौन है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ? (About Chief of Defence Staff)
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का मतलब होगा कि प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के लिए महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर सरकार के सलाहकार के रूप में केवल एक व्यक्ति कार्य करेगा. सीडीएस परमाणु मुद्दों पर प्रधानमंत्री के सैन्य सलाहकार के रूप में भी काम करेगा.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्य होगा कि वह सेना के तीनों अंगों के बीच दीर्घकालिक नियोजन, प्रशिक्षण, खरीद और परिवहन के कार्यों के लिए समन्वयक (Coordinator) का कार्य करेगा.
जैसा कि हम जानते हैं कि रक्षा क्षेत्र का बजट बढ़ता जा रहा इसलिए संसाधनों पर तनाव साल दर साल बढ़ता जा रहा है. अब सीमित संसाधनों के उपयोग को सुनिश्चित करके तीनों सेना के अंगों के बीच समन्वय को बढ़ाना समय की आवश्यकता है.
यहां उल्लेख करने योग्य बात यह है कि सभी प्रमुख देशों, विशेष रूप से परमाणु हथियार संपन्न देशों में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जरूर है.
CDS के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं (Functions of CDS)
CDS के चयन से पहले, तीनों सेना प्रमुखों में सबसे सीनियर चीफ ही, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष (COSC) के रूप में कार्य करता था. COSC की भूमिका अतिरिक्त होती है और कार्यकाल बहुत छोटा रहता है.
CDS के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं-
1. वह तीनों सेनाओं के मामलों पर रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे.
2. परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे.
3. सीडीएस, किसी भी सैन्य कमांड का प्रयोग नहीं करेगा,और इस मामले में नियम पूर्ववत ही रहेंगे.
4. सीडीएस, रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद के सदस्य होंगे.
5. वह चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष होंगे.
6. सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख के रूप में भी कार्य करेंगे.
अतः भारत के पडोसी देशों की नीति को देखते भारतीय सेना के तीनों विंगों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद की शीघ्र आवश्यकता थी. उम्मीद है कि अब सीमित रक्षा संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा और किसी भी युद्ध जैसी स्थिति के दौरान देश की सुरक्षा की जा सकेगी.